बोझ ज़िंदगी का नही महसूस हुआ कभी | हमेशा भारी लगे तो ये अधूरे सपने | जिनके पूरे होने के कोई आसार नही दिखाई दे रहे | मगर उम्मीद भी ससुरी ज़िद...
बोझ ज़िंदगी का नही महसूस हुआ कभी | हमेशा भारी लगे तो ये अधूरे सपने | जिनके पूरे होने के कोई आसार नही दिखाई दे रहे | मगर उम्मीद भी ससुरी ज़िद्दी है टूटने का नाम ही नही लेती | खैर ऐसे ही चलते रहेंगे | कभी तो जितेंगे नही जिते तो देखने वाले तो कुछ सीखेंगे |……
धीरज झा....
धीरज झा....
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