बच्चे की निर्लोभी मुस्कान जैसी है... मै ज़मी जैसा वो आसमान जैसी है... जिसे दिल में एक खास जगह दी है... वो मेरे सबसे खास अरमान जैसी है... वो ...
बच्चे की निर्लोभी मुस्कान जैसी है...
मै ज़मी जैसा वो आसमान जैसी है...
जिसे दिल में एक खास जगह दी है...
वो मेरे सबसे खास अरमान जैसी है...
वो रूह सी बसती बै मुझमे...
उसके बिना देह मेरी बेजान जैसी है...
मै कब था काबिल किसी के प्यार के...
उसकी मोहब्बत मुझ पर किये अहसान जैसी है...
साथ है तो बड़ा अमीर सा महसूस करता हूं खुद को...
वो पगली सी लड़की मेरे अभिमान जैसी है...
मै ज़मी जैसा वो आसमान जैसी है...
जिसे दिल में एक खास जगह दी है...
वो मेरे सबसे खास अरमान जैसी है...
वो रूह सी बसती बै मुझमे...
उसके बिना देह मेरी बेजान जैसी है...
मै कब था काबिल किसी के प्यार के...
उसकी मोहब्बत मुझ पर किये अहसान जैसी है...
साथ है तो बड़ा अमीर सा महसूस करता हूं खुद को...
वो पगली सी लड़की मेरे अभिमान जैसी है...
COMMENTS