अपने ख्वाबों की ज़मीं देखूं... या तेरी हकीकत का आसमां देखूं... इ दो आंखों से मेरे महबूब... तू ही बता मै कहां कहां देखूं... तेरा जगमगाता महल ...
अपने ख्वाबों की ज़मीं देखूं...
या तेरी हकीकत का आसमां देखूं...
इ दो आंखों से मेरे महबूब...
तू ही बता मै कहां कहां देखूं...
तेरा जगमगाता महल देखूं...
या अपना टूटा हूआ मकां देखूं...
तू ही बता इन दो आंखों से मै कहां कहां देखूं...
तेरी महफिलों मे अमीरों का जमावड़ा देखूं...
या अपनी गरीबी का मै जहां देखूं...
कैसे देखूं मै ख्वाब तुमको अपना बनाने का...
तेरे महंगे लिबास या अपना फटा गिरेबां देखूं...
इन दो आखों से तु ही बता मै कहां कहां देखूं...
या तेरी हकीकत का आसमां देखूं...
इ दो आंखों से मेरे महबूब...
तू ही बता मै कहां कहां देखूं...
तेरा जगमगाता महल देखूं...
या अपना टूटा हूआ मकां देखूं...
तू ही बता इन दो आंखों से मै कहां कहां देखूं...
तेरी महफिलों मे अमीरों का जमावड़ा देखूं...
या अपनी गरीबी का मै जहां देखूं...
कैसे देखूं मै ख्वाब तुमको अपना बनाने का...
तेरे महंगे लिबास या अपना फटा गिरेबां देखूं...
इन दो आखों से तु ही बता मै कहां कहां देखूं...
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