मां ठन्डी छांव है... तो बाबा वो छांव देने वाले विशाल वृक्ष हैं... मां जन्नत है... तो बाबा वहां तक पहुंचने का रास्ता... मां प्यार का समन्दर ह...
मां ठन्डी छांव है...
तो बाबा वो छांव देने वाले विशाल वृक्ष हैं...
मां जन्नत है...
तो बाबा वहां तक पहुंचने का रास्ता...
मां प्यार का समन्दर है...
तो बाबा गलतिओं को दफना देने वाली ज़मीन है...
मां ममता है...
तो बाबा ख्वाहिश पुरी करने वाले फरिश्ते हैं...
मां लोरी गा कर मिट्ठी निंद देती है...
तो बाबा निंद खुलने से पहले खुशी की कोई वजह...
मां बिना जग अधुरा और बाबा बिना मां...
मां बाबा मैं आप दोनो से बहुत प्यार करता हूं...
धीरज झा...
तो बाबा वो छांव देने वाले विशाल वृक्ष हैं...
मां जन्नत है...
तो बाबा वहां तक पहुंचने का रास्ता...
मां प्यार का समन्दर है...
तो बाबा गलतिओं को दफना देने वाली ज़मीन है...
मां ममता है...
तो बाबा ख्वाहिश पुरी करने वाले फरिश्ते हैं...
मां लोरी गा कर मिट्ठी निंद देती है...
तो बाबा निंद खुलने से पहले खुशी की कोई वजह...
मां बिना जग अधुरा और बाबा बिना मां...
मां बाबा मैं आप दोनो से बहुत प्यार करता हूं...
धीरज झा...
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