कैसे... ? . न छुपाया जाये ना बताया जाये... खुद को और कितना आज़माया जाये... तुम कितनी ज़रूरी हो ये हर किसी को कैसे समझाया जाये... खो चुका हूँ...
कैसे... ?
.
न छुपाया जाये
ना बताया जाये...
खुद को और कितना
आज़माया जाये...
तुम कितनी ज़रूरी हो
ये हर किसी को
कैसे समझाया जाये...
खो चुका हूँ खुद को
तुम में ही कहीं...
अब तुम ही बताओ
खुद को ढूँढ कर
कैसे लाया जाये...
सब कहते हैं
भूल जाना ही दवा
है आखरी...
पर कोई तो बतला दे
खुद की मैय्यत को
अपने ही हाथों से
कैसे सजाया जाये...
ख़त जला भी दूँ
तस्वीरें हटा भी दूँ
पर तुम्हारी यादों को
कैसे दिल से मिटाया जाये...
ऐसा लगता है
जैसे मोहब्बत हमने
अकेले ही की हो...
ये अपनों को अपनी
तज़प का अहसास
कैसे कराया जाये...
.
धीरज झा...
धीरज झा
.
न छुपाया जाये
ना बताया जाये...
खुद को और कितना
आज़माया जाये...
तुम कितनी ज़रूरी हो
ये हर किसी को
कैसे समझाया जाये...
खो चुका हूँ खुद को
तुम में ही कहीं...
अब तुम ही बताओ
खुद को ढूँढ कर
कैसे लाया जाये...
सब कहते हैं
भूल जाना ही दवा
है आखरी...
पर कोई तो बतला दे
खुद की मैय्यत को
अपने ही हाथों से
कैसे सजाया जाये...
ख़त जला भी दूँ
तस्वीरें हटा भी दूँ
पर तुम्हारी यादों को
कैसे दिल से मिटाया जाये...
ऐसा लगता है
जैसे मोहब्बत हमने
अकेले ही की हो...
ये अपनों को अपनी
तज़प का अहसास
कैसे कराया जाये...
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धीरज झा...
धीरज झा
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