आज तो " तुम्हारा दिन है" ! " मेरा दिन ? नही तो " " हाँ है ना , सभी मना तो रहे हैं " " अरे आज तो रोज़ डे ह...
आज तो " तुम्हारा दिन है" !
" मेरा दिन ? नही तो "
" हाँ है ना , सभी मना तो रहे हैं "
" अरे आज तो रोज़ डे है ,मेरा दिन कैसे हुआ ?"
" तुम गुलाब ही तो हो , फिर तुम्हारा दिन कैसे नही है | "
" अरे भला मैं गुलाब कैसे हुई | " ( जान बूझ कर सवाल, बस तारीफ सुननेे लिये | जानते हैं ना सबसे अजीज़ के की गई तारीफ की कोई बराबरी कहाँ | )
" अच्छा सुनो तो...
गुलाब के जैसी कोमल हो , गुलाब सा रंग है तुम्हारा , गुलाब सी खिली रहती हो , और सब से बड़ी खास बात गुलाब जैसे बगीया को खुश्बू से महकाये रखता है वैसे ही तुम खुशियों से मेरी ज़िंदगी को महकाये हुये हो और सबसे बड़ी बात मुझे गुलाब बहुत बहुत बहुत ज़्यादा पसन्द हैं जैसे की तुम पसन्द हो | तो कहो हुई ना तुम गुलाब हुआ ना ये दिन तुम्हारा | "
फिर बस आँखों में प्यार गले में बाहों का हार... :)
हैपी रोज़ डे टू माई रोज़...
.
धीरज झा...
धीरज झा
" मेरा दिन ? नही तो "
" हाँ है ना , सभी मना तो रहे हैं "
" अरे आज तो रोज़ डे है ,मेरा दिन कैसे हुआ ?"
" तुम गुलाब ही तो हो , फिर तुम्हारा दिन कैसे नही है | "
" अरे भला मैं गुलाब कैसे हुई | " ( जान बूझ कर सवाल, बस तारीफ सुननेे लिये | जानते हैं ना सबसे अजीज़ के की गई तारीफ की कोई बराबरी कहाँ | )
" अच्छा सुनो तो...
गुलाब के जैसी कोमल हो , गुलाब सा रंग है तुम्हारा , गुलाब सी खिली रहती हो , और सब से बड़ी खास बात गुलाब जैसे बगीया को खुश्बू से महकाये रखता है वैसे ही तुम खुशियों से मेरी ज़िंदगी को महकाये हुये हो और सबसे बड़ी बात मुझे गुलाब बहुत बहुत बहुत ज़्यादा पसन्द हैं जैसे की तुम पसन्द हो | तो कहो हुई ना तुम गुलाब हुआ ना ये दिन तुम्हारा | "
फिर बस आँखों में प्यार गले में बाहों का हार... :)
हैपी रोज़ डे टू माई रोज़...
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धीरज झा...
धीरज झा
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