सुनो मेरे अहसासों... . रात की अंधेरी गलियों का सफर कर के आये हैं अहसास मेरे , कहा भी था छाता ले लो आँसुओं की बारिश सारी रात न थमेगी मगर ये ठ...
सुनो मेरे अहसासों...
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रात की अंधेरी गलियों का सफर कर के आये हैं अहसास मेरे , कहा भी था छाता ले लो आँसुओं की बारिश सारी रात न थमेगी मगर ये ठहरे ज़िद्दी नही माने , लो देखो भीग गये ना आँसुओं में | बामार हो जाओगे और कहीं अकेलेपन्न को सहने की बिमारी हो गई तो मर भी जाओगे और तुम्हारे साथ मरेगी ये तुम्हारी मासूम बोटी मोहब्बत | कितना बार कहा है ख़्याल रखा करो अपना बेहद कीमती हो तुम , अरे कोई समझे ना समझे मैं तो समझता हूँ ना की तुम कितनी कीमती हो तुम्हे पैदा करने में कितनी रातें जाग कर काटी हैं कितना तड़पा हूँ , तुम से ही तो मेरे लफ्ज़ भी ज़िंदा हैं | सुनों ग़ौर से मेरे अहसासों जो तुम में है वो किसी में नही बस खुद की पवित्रता बनाऐ रखो बाकी तुम्हे वो एक ना एक दिन ज़रूर पहचानेगी | पहचानती तो आज भी मुझ से ज़्यादा है बस कुछ कर नही पाती हमारी तरह पगलाई नही है शायद जानती नही की पागलपन्न के बिना इश्क एक दम अधूरा है | चलो अब थोड़ा आराम करलो बहुत भटक लिये |
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धीरज झा...
धीरज झा
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रात की अंधेरी गलियों का सफर कर के आये हैं अहसास मेरे , कहा भी था छाता ले लो आँसुओं की बारिश सारी रात न थमेगी मगर ये ठहरे ज़िद्दी नही माने , लो देखो भीग गये ना आँसुओं में | बामार हो जाओगे और कहीं अकेलेपन्न को सहने की बिमारी हो गई तो मर भी जाओगे और तुम्हारे साथ मरेगी ये तुम्हारी मासूम बोटी मोहब्बत | कितना बार कहा है ख़्याल रखा करो अपना बेहद कीमती हो तुम , अरे कोई समझे ना समझे मैं तो समझता हूँ ना की तुम कितनी कीमती हो तुम्हे पैदा करने में कितनी रातें जाग कर काटी हैं कितना तड़पा हूँ , तुम से ही तो मेरे लफ्ज़ भी ज़िंदा हैं | सुनों ग़ौर से मेरे अहसासों जो तुम में है वो किसी में नही बस खुद की पवित्रता बनाऐ रखो बाकी तुम्हे वो एक ना एक दिन ज़रूर पहचानेगी | पहचानती तो आज भी मुझ से ज़्यादा है बस कुछ कर नही पाती हमारी तरह पगलाई नही है शायद जानती नही की पागलपन्न के बिना इश्क एक दम अधूरा है | चलो अब थोड़ा आराम करलो बहुत भटक लिये |
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धीरज झा...
धीरज झा
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