सिगरेट में ज़िंदगी सिगरेट के हर कश में जी है ज़िंदगी मैने। किया है महसूस खुद को पल पल किसी के शौख के लिये जलता मैने । देखी है अपनी उम्र राख ...
सिगरेट में ज़िंदगी
सिगरेट के हर कश में
जी है ज़िंदगी मैने।
किया है महसूस खुद को
पल पल किसी के
शौख के लिये जलता मैने ।
देखी है अपनी उम्र
राख में बदलती हुई ।
जलता देख मुझे
सुकून पाता देखा है सबको ।
फिर मतलब निकल
जाने के बाद खुद का
पैरों से रौंदा जाना
भी देखा है ।
इसी छोटी सी सिगरेट में
बड़ी सी ज़िंदगी का
आईना देखा है मैने ।
अब इसी वजह से
ना मुझे अब सिगरेट पसंद है
ना ही ज़िंदगी ।
धीरज झा
सिगरेट के हर कश में
जी है ज़िंदगी मैने।
किया है महसूस खुद को
पल पल किसी के
शौख के लिये जलता मैने ।
देखी है अपनी उम्र
राख में बदलती हुई ।
जलता देख मुझे
सुकून पाता देखा है सबको ।
फिर मतलब निकल
जाने के बाद खुद का
पैरों से रौंदा जाना
भी देखा है ।
इसी छोटी सी सिगरेट में
बड़ी सी ज़िंदगी का
आईना देखा है मैने ।
अब इसी वजह से
ना मुझे अब सिगरेट पसंद है
ना ही ज़िंदगी ।
धीरज झा
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