कहानियाँ न चाहते हुए भी काल्पनिक चाशनी में डुबोनी पड़ती हैं । किस्से हमेशा हकीकत का स्वाद देते हैं । फिर भी कहानियाँ लिखना पसंद है मुझे । क्य...
कहानियाँ न चाहते हुए भी काल्पनिक चाशनी में डुबोनी पड़ती हैं । किस्से हमेशा हकीकत का स्वाद देते हैं । फिर भी कहानियाँ लिखना पसंद है मुझे । क्योंकी कल्पना में अधूरे किस्सों को पूरी कहानी बना देना खुशी देता है । भले ही वो खुशी झूठी ही क्यों ना हो ।
धीरज झा
धीरज झा
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