जब लोगों की भीड़ से आपका घर भरा हो और आप उस भीड़ में भी एक दम अकेले हो कर किसी ऐसे शक्स के साथ को तड़प रहे हों जिसके पास आपके लिए वक्त ही ना हो...
जब लोगों की भीड़ से आपका घर भरा हो और आप उस भीड़ में भी एक दम अकेले हो कर किसी ऐसे शक्स के साथ को तड़प रहे हों जिसके पास आपके लिए वक्त ही ना हो तो आपको ये समझ जाना चाहिए।की अब भगवान भी आपको बचा नही सकते क्योंकी।आपकी समझदारी की जड़ों को मोहब्बत नाम खी।दीमक खोखला कर चुकी है और आप बर्बाद हो चुके हैं ।
धीरज झा
धीरज झा
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