पर्दे के पीछे चेहरे के चौराहे से दो तीन कदम आगे मुस्कुराहटों का आलिशान बंगला है । उसी बंगले के ठीक पीछे मिलेगी एक टूटी झोंपड़ी जिस पर टंगा हो...
पर्दे के पीछे
चेहरे के चौराहे से
दो तीन कदम आगे
मुस्कुराहटों का आलिशान बंगला है ।
उसी बंगले के ठीक पीछे
मिलेगी एक टूटी झोंपड़ी
जिस पर टंगा होगा फटा सा पर्दा
वो पर्दा जो सच और झूठ
को छुपाए हुए है
उस पर्दे के पीछे मिलेंगी
कुछ उदासियाँ , जो छुपी
बैठी हैं पर्दे के पीछे
लोग आते हैं और चले जाते हैं
चौराहे से बंगले की
रौनक देख कर
उस झोंपड़ी पर टंगे
पर्दे के पीछे कोई देख नही पाता
बेचैन उदासियों को
कोशिश करो तो ग़ौर से देखने पर
फटे पर्दे के छोटे छोटे छेदों
से भी दिख जाऐंगी वो उदासियाँ
जो भूख से तिलमिला रही हैं
भूख है उन्हे तुम्हारी
और तुम्हारे पास तो इतना
वक्त ही नही की
चेहरे के चौराहे तक
भी आने की फुर्सत हो
धीरज झा
चेहरे के चौराहे से
दो तीन कदम आगे
मुस्कुराहटों का आलिशान बंगला है ।
उसी बंगले के ठीक पीछे
मिलेगी एक टूटी झोंपड़ी
जिस पर टंगा होगा फटा सा पर्दा
वो पर्दा जो सच और झूठ
को छुपाए हुए है
उस पर्दे के पीछे मिलेंगी
कुछ उदासियाँ , जो छुपी
बैठी हैं पर्दे के पीछे
लोग आते हैं और चले जाते हैं
चौराहे से बंगले की
रौनक देख कर
उस झोंपड़ी पर टंगे
पर्दे के पीछे कोई देख नही पाता
बेचैन उदासियों को
कोशिश करो तो ग़ौर से देखने पर
फटे पर्दे के छोटे छोटे छेदों
से भी दिख जाऐंगी वो उदासियाँ
जो भूख से तिलमिला रही हैं
भूख है उन्हे तुम्हारी
और तुम्हारे पास तो इतना
वक्त ही नही की
चेहरे के चौराहे तक
भी आने की फुर्सत हो
धीरज झा
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