वो मुझे आखरी सलाम कह गया उसूलों का हवाला देकर । जिसके लिये मैने ज़िंदगी के ना जाने कितने उसूल बदले। धीरज झा
वो मुझे आखरी सलाम कह गया उसूलों का हवाला देकर ।
जिसके लिये मैने ज़िंदगी के ना जाने कितने उसूल बदले।
धीरज झा
जिसके लिये मैने ज़िंदगी के ना जाने कितने उसूल बदले।
धीरज झा
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