मंज़र ए मोहब्बत राह ए मोहब्बत आसान होती तो हर कोई क्यों ना करता । मौत महबूब सी होती तो मरने से कौन डरता । ये समन्दर है ज़लालत का इज़्जतें ख़...
मंज़र ए मोहब्बत
राह ए मोहब्बत आसान होती तो
हर कोई क्यों ना करता ।
मौत महबूब सी होती तो
मरने से कौन डरता ।
ये समन्दर है ज़लालत का
इज़्जतें ख़ाक होती हैं
मोहब्बत के शहर में लोग हँसते हैं
आशिकों की जब आँख रोती है ।
मजबूरियों का हवाला
दे कर के कत्ल ए आम होता है
कोई आवाज़ तक नही सुनता
जब ये मासूम दिल रोता है ।
सन्नाटा ही पसरा मिलेगा
घर हो या महफिल हो
मौत को ऐसे तरसते हैं
मानो वो ही अपनी मंज़िल हो ।
दरिया आग का होता
तो कम से कम खाक तो होते
ना हुए फूल गुलशन के
कम से कम धूल या राख तो होते ।
ये ऐसा कत्ल है जहाँ
दुआ कातिल के लिए दिन रात करते हैं
जो जान लेता है उन्ही पे मरते हैं
आखरी साँस तक एक लंगड़ी
सी उम्मीद रहती है उनको पाने की
अच्छे अच्छे राह पकड़ लेते हैं मयखाने की
शराब असर नही करती
जब नशा हो किसी की मोहब्बत का
तब सिलसिला चलता है सजदों में
मौत को पाने की इबादत का ।
तुम तो जानते थे यही मंज़र सामने होगा
एक तरफ महबूब होगा
दूसरी ओर ज़माना रिवायतों
का लिए खंजर सामने होगा ।
अब किस्सों में ढूँढेंगे मुकम्मल जहाँ अपना
समेटे लिए जा रहे हैं यादों का कारवाँ अपना
धीरज झा
राह ए मोहब्बत आसान होती तो
हर कोई क्यों ना करता ।
मौत महबूब सी होती तो
मरने से कौन डरता ।
ये समन्दर है ज़लालत का
इज़्जतें ख़ाक होती हैं
मोहब्बत के शहर में लोग हँसते हैं
आशिकों की जब आँख रोती है ।
मजबूरियों का हवाला
दे कर के कत्ल ए आम होता है
कोई आवाज़ तक नही सुनता
जब ये मासूम दिल रोता है ।
सन्नाटा ही पसरा मिलेगा
घर हो या महफिल हो
मौत को ऐसे तरसते हैं
मानो वो ही अपनी मंज़िल हो ।
दरिया आग का होता
तो कम से कम खाक तो होते
ना हुए फूल गुलशन के
कम से कम धूल या राख तो होते ।
ये ऐसा कत्ल है जहाँ
दुआ कातिल के लिए दिन रात करते हैं
जो जान लेता है उन्ही पे मरते हैं
आखरी साँस तक एक लंगड़ी
सी उम्मीद रहती है उनको पाने की
अच्छे अच्छे राह पकड़ लेते हैं मयखाने की
शराब असर नही करती
जब नशा हो किसी की मोहब्बत का
तब सिलसिला चलता है सजदों में
मौत को पाने की इबादत का ।
तुम तो जानते थे यही मंज़र सामने होगा
एक तरफ महबूब होगा
दूसरी ओर ज़माना रिवायतों
का लिए खंजर सामने होगा ।
अब किस्सों में ढूँढेंगे मुकम्मल जहाँ अपना
समेटे लिए जा रहे हैं यादों का कारवाँ अपना
धीरज झा
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