" अच्छा कब तक साथ रहने का विचार है " " जब तक सीख ना जीओ " " मैं सीख चुका हूँ , पूरी तरह से " " तुम सीख चु...
" अच्छा कब तक साथ रहने का विचार है "
" जब तक सीख ना जीओ "
" मैं सीख चुका हूँ , पूरी तरह से "
" तुम सीख चुके होते तो मैं यहाँ ना होती "
" तो तुम कहना चाहती हो मैं कुछ नही सीखा , इतनी मेहनत बेकार है ? "
" नहीं बिल्कुल नही तुमने बहुत मेहनत की बहुत कुछ सीखा , मगर अभी और सीखना है और मेहनत की ज़रूरत है | "
" तो इसमें तुम्हारा क्या योगदान बै बताना ज़रा "
" देखो ! वैसे तो मैं इस लायक कभी नही थी पर एक बात यह भी है की मैं जब जब तुम से मिली तुमने दुगने उत्साह से काम किया , तुमने और मेहनत की , तुम निखर के सामने आये | बस इसी तरह लगे रहो , थोड़ी कोशिश और मैं फिर खुद चली जाऊँगी | और मेरी जगह मेरी बहन आयेगी जिसकी तुम्हे हमेशा से चाह रही है | पर उसे पाने के लिये तुम्हे मेरी ज़रूरत पडयेगी ही | मुझ से मिले बिना तुम उस तक पहुँच ही ना पाओगे | "
" हाँ ये तो ठीक कहा तुमने | धन्यवाद तुम्हारा मुझे हर बार इतनी हिम्मत और नया जोश देने के लिये | "
" धन्यवाद मेरा नही करो ये तुम्हारी हिम्मत तुम्हारा हौंसला है , वरना कई लोग तो मुझ अभागिन को पाते ही टूट जाते हैं | फिर कभी संभल नही पाते | असल मॉ वो मेरे उनकी ज़िंदगी में आने का मतलब ही नही समझते | "
" ह्म्म्म्म... सही कहा "
इसके बाद मैं अपने काम में लग गया दुगने जोश से |
वार्ता मेरे और उसके बीच की...
मैं यानी मैं...
वो यानी असफलता
उसकी बहन यानी सफलता...
.
धीरज झा...
" जब तक सीख ना जीओ "
" मैं सीख चुका हूँ , पूरी तरह से "
" तुम सीख चुके होते तो मैं यहाँ ना होती "
" तो तुम कहना चाहती हो मैं कुछ नही सीखा , इतनी मेहनत बेकार है ? "
" नहीं बिल्कुल नही तुमने बहुत मेहनत की बहुत कुछ सीखा , मगर अभी और सीखना है और मेहनत की ज़रूरत है | "
" तो इसमें तुम्हारा क्या योगदान बै बताना ज़रा "
" देखो ! वैसे तो मैं इस लायक कभी नही थी पर एक बात यह भी है की मैं जब जब तुम से मिली तुमने दुगने उत्साह से काम किया , तुमने और मेहनत की , तुम निखर के सामने आये | बस इसी तरह लगे रहो , थोड़ी कोशिश और मैं फिर खुद चली जाऊँगी | और मेरी जगह मेरी बहन आयेगी जिसकी तुम्हे हमेशा से चाह रही है | पर उसे पाने के लिये तुम्हे मेरी ज़रूरत पडयेगी ही | मुझ से मिले बिना तुम उस तक पहुँच ही ना पाओगे | "
" हाँ ये तो ठीक कहा तुमने | धन्यवाद तुम्हारा मुझे हर बार इतनी हिम्मत और नया जोश देने के लिये | "
" धन्यवाद मेरा नही करो ये तुम्हारी हिम्मत तुम्हारा हौंसला है , वरना कई लोग तो मुझ अभागिन को पाते ही टूट जाते हैं | फिर कभी संभल नही पाते | असल मॉ वो मेरे उनकी ज़िंदगी में आने का मतलब ही नही समझते | "
" ह्म्म्म्म... सही कहा "
इसके बाद मैं अपने काम में लग गया दुगने जोश से |
वार्ता मेरे और उसके बीच की...
मैं यानी मैं...
वो यानी असफलता
उसकी बहन यानी सफलता...
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धीरज झा...
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