साल भर पहले की बात इसी दिन की कहाँ तक सही कहाँ तक गलत पता नही बस जो हुआ था लिख दिया था । उसे ही री पोस्ट कर रहा हूँ ज़रा आप भी देखें । हमारे...
साल भर पहले की बात इसी दिन की कहाँ तक सही कहाँ तक गलत पता नही बस जो हुआ था लिख दिया था । उसे ही री पोस्ट कर रहा हूँ ज़रा आप भी देखें ।
हमारे देश के महान ज्ञानी लोग आपको ऑटो में बैठे मिंलेंगे खास कर ऑटो अगर किसी गांव जा रही हो तो | आज ऐसे ही कुछ ज्ञानी मुझे मिले जब मैं सितामढ़ी से अपने गांव के लिये ऑटो में बैठा | ये वो ज्ञानी थे जो भ्रष्ट युग में हो रही भ्रष्टता पर रौशनी डाल रहे थे | और इनका मेन मुद्दा था लड़कियों के छोटे कपड़े |
एक कहता है "अजी हम जितना मोटा कपड़ा पहनते हैं ना लड़कियां उस से कई ज़्यादा पतला कपड़ा पहनती हैं " |
इस पर दुसरा एक गंदी सी गाली दे कर कहता है "हां यार सब कुछ दिखता है | इस पर लड़के मचलें ना और रेप ना हो तो क्या हो " |
इस पर मैं अज्ञानी इंसान जिसे ये सब सुना ना गया तो बोल पड़ा "फिर तो भईया जी आपने भी देखा होगा मन आपका भी मचला होगा ना ? जब आपने भी सब जैसा किया तो ये भाषण क्यों ? माना आपकी नज़र में लड़कियां गलत हैं छोटे या पतले कपड़े पहनती हैं , तो क्या आप उनकी गलती का फायदा ऊठायेंगे "? अपनी सोच को बड़ा करीये लड़कियों के कपड़े खुद बड़े लगेंगे |किसी के पहनावे और रहन सहन पर पाबंदी नही लगा सकते आप हा लगा सकते हैं तो अपनी इस घटीया और छोटी सोच पर "|
पता नही मुझ अज्ञानी ने ऐसा क्या कह दिया के बाद में दोनो ज्ञानी पुरे रासते कुछ नही बोले |
5 साल की बच्ची किसी दरिंदे के हवस का शिकार बन जाती है वो तो फैशन से कोसों दूर थी उसे तो छोटे बड़े कपड़ों का भेद तक नही पता फिर क्यों ऐसा हुआ | लोग जब तक कुछ करने की बजाये दूसरों मे मीनमेंख निकालना नही छोड़ेंगे ऐसा ही होगा | और ऐसे ज्ञानी इंसान ही इस चीज़ को बढ़ावा दे रहे हैं | नियत साफ हो तो बिना कपड़ों के पड़ी औरत को भी इंसान एक नज़र ना देखे | नियत बुरी तो सौ कपड़े पहन के तन ढक लो हवस की कैंची सब कपड़े काट अपनी गंदी नज़र वहां टिका लेगी |
धीरज झा...
हमारे देश के महान ज्ञानी लोग आपको ऑटो में बैठे मिंलेंगे खास कर ऑटो अगर किसी गांव जा रही हो तो | आज ऐसे ही कुछ ज्ञानी मुझे मिले जब मैं सितामढ़ी से अपने गांव के लिये ऑटो में बैठा | ये वो ज्ञानी थे जो भ्रष्ट युग में हो रही भ्रष्टता पर रौशनी डाल रहे थे | और इनका मेन मुद्दा था लड़कियों के छोटे कपड़े |
एक कहता है "अजी हम जितना मोटा कपड़ा पहनते हैं ना लड़कियां उस से कई ज़्यादा पतला कपड़ा पहनती हैं " |
इस पर दुसरा एक गंदी सी गाली दे कर कहता है "हां यार सब कुछ दिखता है | इस पर लड़के मचलें ना और रेप ना हो तो क्या हो " |
इस पर मैं अज्ञानी इंसान जिसे ये सब सुना ना गया तो बोल पड़ा "फिर तो भईया जी आपने भी देखा होगा मन आपका भी मचला होगा ना ? जब आपने भी सब जैसा किया तो ये भाषण क्यों ? माना आपकी नज़र में लड़कियां गलत हैं छोटे या पतले कपड़े पहनती हैं , तो क्या आप उनकी गलती का फायदा ऊठायेंगे "? अपनी सोच को बड़ा करीये लड़कियों के कपड़े खुद बड़े लगेंगे |किसी के पहनावे और रहन सहन पर पाबंदी नही लगा सकते आप हा लगा सकते हैं तो अपनी इस घटीया और छोटी सोच पर "|
पता नही मुझ अज्ञानी ने ऐसा क्या कह दिया के बाद में दोनो ज्ञानी पुरे रासते कुछ नही बोले |
5 साल की बच्ची किसी दरिंदे के हवस का शिकार बन जाती है वो तो फैशन से कोसों दूर थी उसे तो छोटे बड़े कपड़ों का भेद तक नही पता फिर क्यों ऐसा हुआ | लोग जब तक कुछ करने की बजाये दूसरों मे मीनमेंख निकालना नही छोड़ेंगे ऐसा ही होगा | और ऐसे ज्ञानी इंसान ही इस चीज़ को बढ़ावा दे रहे हैं | नियत साफ हो तो बिना कपड़ों के पड़ी औरत को भी इंसान एक नज़र ना देखे | नियत बुरी तो सौ कपड़े पहन के तन ढक लो हवस की कैंची सब कपड़े काट अपनी गंदी नज़र वहां टिका लेगी |
धीरज झा...
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