आपको संभलने के लिए वक्त महज़ इतना ही वक्त देता है जितने वक्त में आप फिस से गिरने के काबिल हो जाओ । और जिस वक्त आपको लगेगा आपका असली वक्त आ ग...
आपको संभलने के लिए वक्त महज़ इतना ही वक्त देता है जितने वक्त में आप फिस से गिरने के काबिल हो जाओ । और जिस वक्त आपको लगेगा आपका असली वक्त आ गया अफसोस तब तक आपका आखरी वक्त आगया होगा । इसलिए उम्मीद मत लगाओ गिरते पड़ते बस चलते जाओ ।
धीरज झा
धीरज झा
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