आँखों से नींद ग़ायब है दिल का करार ग़ायब है बड़ी मज़दूरी है इश्क में भी दोस्त आशिकी के कलेंडर से इतवार गायब है धीरज झा
आँखों से नींद ग़ायब है
दिल का करार ग़ायब है
बड़ी मज़दूरी है इश्क में भी दोस्त
आशिकी के कलेंडर से इतवार गायब है
धीरज झा
दिल का करार ग़ायब है
बड़ी मज़दूरी है इश्क में भी दोस्त
आशिकी के कलेंडर से इतवार गायब है
धीरज झा
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