सुनो ज़रा पहाड़ी संकरे रास्तों पर जब चला रहे होते हैं मोटरसाईकिल गती तेज़ करते हैं कुदरत के नज़ारे लुभावने लगते हैं मगर जब जब आता है कोई मोड़ ...
सुनो ज़रा
पहाड़ी संकरे रास्तों पर
जब चला रहे होते हैं मोटरसाईकिल
गती तेज़ करते हैं
कुदरत के नज़ारे लुभावने लगते हैं
मगर जब जब आता है
कोई मोड़ तब तब
दिल मे एक डर सा पैदा होने लगता है
ये सोच कर की कहीं
सामने से कोई बड़ा ट्रक
ना आ रहा हो साँसों का
दुश्मन बन कर
वो डर धीरे धीरे
डराता है तब तक
जब तक मंज़िल तक पहुँच नही जाते
ऐसा ही डर रहता है
हर दम मुझे मोहब्बत के सफर में
हर मोड़ पर किसी अंजाने हादसे का
की कहीं कोई छीन ना ले
मुझ से मेरी साँसें
जो बसा करती हैं तुम में
ये डल तब तक अंगड़ाईयाँ लेगा मुझ में
जब तक अपनी मंज़िल को पा ना लूँ
एक बच्चा रूठ जाया करता है
अपनी माँ से तब तब
जब जब वो पुचकारती है
किसी पड़ोस के बच्चे को
जब जब वो चली जाती है
भीड़ में किसी काम से
क्योंकी बच्चा बाँटना नही चाहता
प्रेम अपनी माँ का
उसी तरह मेरा मन भी
उस बच्चे जैसा ही है
तुम्हे और तुम्हारे प्रेम को लेकर
बुरी आदत कहो या कहो
मोहब्बत मगर मुझे
डराता है तुम्हारा मुझ से
कुछ वक्त के लिए भी दूर जाना
बेपनाह यकीन तुम पर होने के
बावजूद हो जाता हूँ उस बच्चे जैसा
धीरज झा
पहाड़ी संकरे रास्तों पर
जब चला रहे होते हैं मोटरसाईकिल
गती तेज़ करते हैं
कुदरत के नज़ारे लुभावने लगते हैं
मगर जब जब आता है
कोई मोड़ तब तब
दिल मे एक डर सा पैदा होने लगता है
ये सोच कर की कहीं
सामने से कोई बड़ा ट्रक
ना आ रहा हो साँसों का
दुश्मन बन कर
वो डर धीरे धीरे
डराता है तब तक
जब तक मंज़िल तक पहुँच नही जाते
ऐसा ही डर रहता है
हर दम मुझे मोहब्बत के सफर में
हर मोड़ पर किसी अंजाने हादसे का
की कहीं कोई छीन ना ले
मुझ से मेरी साँसें
जो बसा करती हैं तुम में
ये डल तब तक अंगड़ाईयाँ लेगा मुझ में
जब तक अपनी मंज़िल को पा ना लूँ
एक बच्चा रूठ जाया करता है
अपनी माँ से तब तब
जब जब वो पुचकारती है
किसी पड़ोस के बच्चे को
जब जब वो चली जाती है
भीड़ में किसी काम से
क्योंकी बच्चा बाँटना नही चाहता
प्रेम अपनी माँ का
उसी तरह मेरा मन भी
उस बच्चे जैसा ही है
तुम्हे और तुम्हारे प्रेम को लेकर
बुरी आदत कहो या कहो
मोहब्बत मगर मुझे
डराता है तुम्हारा मुझ से
कुछ वक्त के लिए भी दूर जाना
बेपनाह यकीन तुम पर होने के
बावजूद हो जाता हूँ उस बच्चे जैसा
धीरज झा
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