कल यूँ ही फेसबुक पर आवारागर्दी में घूमते घूमते एक सर की पोस्ट पर रूक गया । पोस्ट नही एक पिता की आह ही समझिए उसे जो किसी को नही सुनती या यूँ ...
कल यूँ ही फेसबुक पर आवारागर्दी में घूमते घूमते एक सर की पोस्ट पर रूक गया । पोस्ट नही एक पिता की आह ही समझिए उसे जो किसी को नही सुनती या यूँ कहें शायद वो सुनाना ही नही चाहता । कल ही सोचा था कुछ लिखूँ मगर लिखने से पहले ही आज साल भर पहले की पोस्ट सामने आ गई । इस पर भी सर ने कमेंट किए थे , उस कमेंट में भी।एक पिता ही बोल रहा था कल की पोस्ट में भी एक पिता ही बोल रहा था अब मेरी पोस्ट में एक बेटा बोलेगा । ज़रा सुनिएगा क्या बोल रहा है । पापा आप भी सुनें जहाँ हैं वहीं से 😊
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बाबा...
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माँ की बात तो आये दिन कर देते हैं क्योंकी बात बात पर अम्मा याद जो आ जाती है • खाने मे दिक्कत हुई तो माँ की याद • किसी ने दिल दुखा दिया तो माँ की याद • रात को निंद ना आई तो माँ की याद • माँ हर रोज़ किसी ना किसी बहाने से हंसा या रूला जाती है एक ना एक बार •
तो फिर बाबा क्यों पीछे छूटें ? उनकी भूमिका तो सबसे ज़्यादा है • हाँ भले ही सामने से नही हो बात अलग है • अरे बाप ना हैं हमारे हम में इतना गुस्सा तो उन में कितना होगा मगर हैं तो बाप ही ना हार जाते हैं ज़िद के आगे • भले ही सामने से ना कहने आयें सामने से ना मनायें • मगर प्यार से सर सहलाने वाले हाथ माँ के भले ही हों पर उन्हे भेजा बाबा ने ही होता है • डांट दिये जो मन बोल दिये अरे हम क्यों सुने बड़े हो गये हैं ये कोई बात हुई • हम भी मुंह फुला लिये चलो अब खाने पीने बोलने बतियाने हंसने हंसाने सब से सन्यास • ले ली समाधी अपने कमरे में चले गये मौन साधना में • दिन बीत गया ना बोले , शाम का पहर आखरी पड़ाव पर है कोई सुगबुगाहट ना की • भले ही चूहा सैनिक बल ने पेट में जंग का ऐलान कर दिया हो मगर अकड़ है भाई ऐसे कैसे टूट जाये • उधर बाबा इधर से उधर कर रहे हैं बोल कुछ नही रहे कैसे पुछें माँ से की उसने खाना खाया के नही • माँ अन्दर ही अन्दर हंस रही है दोनो गुटों की इस खामोश जंग पर • छोटे भाई बहन भूख से उमड़ रहे गुस्से की खुराक बन रहे हैं • ज़रा सा कुछ बोले नही के दे रेपटा रोते हुये भागे कमरे से • आखिर बाबा के आगे खाने की थाली पड़ी • बोले " भूख नही है " माँ का तुरंत जवाबी हमला " जानती हूं नही होगी " • बाबा का पहले तो घूरना फिर पूछना " खाना खाया उसने "
" नही खाया "
" सुबह से नही खाया "
" हां सुबह से नही खाया • वैसे आपने भी कौन सा खाया है "
" अरे तो जाओ ना दो ना भूख लगी होगी "
" जानती थी आप यही कहेंगे पहले ही लगा दी है थाली • आप खाओ मै उसे खिला कर आती हूं "
और माँ खाना खिला देती है मना कर • हम बेपरवाह इस बात से की भेजा तो बाबा ने ही है • हमे लगता है कैसे दुष्ट हैं खुद गपागप खाये जा रहे हमे पुछा भी नही •
माँ से चोरी से मिलने वाली हर मदद पापा से ही आती है चुपके से •
मै अपनी बात करूं तो हम बाप बेटे में कभी नही बनी जो मुझे पसन्द वो उन्हे पसन्द नही और जो उन्हे पसन्द वो मुझे पसन्द आने का तो सवाल ही नही • रोज़ किसी ना किसी बात पर छोटी सी बहस तो लाज़मी है • मगर दुनिया में कोई मुझे सबसे ज़्यादा चाहता है तो वो हैं बाबा • पटना चला आया तो माँ को फोन किया बता रही थीं की पापा कह रहे थे " रहता है तो बहसता रहता है मगर घर से जाते ही घर की रौनक ले जाता है " •
दूर आ कर समझ आता है पापा को टोकना हर बात में माँ के लाढ की तरह ही ज़रूरी है • उनकी बिगड़े स्वास्थ का सुन कर पैर हाथ सुन होने लगते हैं भले ही आज भी मिले तो महौल जंग वाला ही क्यों ना हो • हर रोज़ भगवान से प्रार्थना रहती है भगवान उन्हे लंबी और तंदरूस्त ज़िंदगी दें • उनका होना ही हमारी हिम्मत है • दुआ करता हूं दुनिया के हर बाप का हाथ अपने बेटे पर जायज़ उम्र तक बना रहे •
पापा आपसे बहुत प्यार है हमे...
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धीरज झा...
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बाबा...
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माँ की बात तो आये दिन कर देते हैं क्योंकी बात बात पर अम्मा याद जो आ जाती है • खाने मे दिक्कत हुई तो माँ की याद • किसी ने दिल दुखा दिया तो माँ की याद • रात को निंद ना आई तो माँ की याद • माँ हर रोज़ किसी ना किसी बहाने से हंसा या रूला जाती है एक ना एक बार •
तो फिर बाबा क्यों पीछे छूटें ? उनकी भूमिका तो सबसे ज़्यादा है • हाँ भले ही सामने से नही हो बात अलग है • अरे बाप ना हैं हमारे हम में इतना गुस्सा तो उन में कितना होगा मगर हैं तो बाप ही ना हार जाते हैं ज़िद के आगे • भले ही सामने से ना कहने आयें सामने से ना मनायें • मगर प्यार से सर सहलाने वाले हाथ माँ के भले ही हों पर उन्हे भेजा बाबा ने ही होता है • डांट दिये जो मन बोल दिये अरे हम क्यों सुने बड़े हो गये हैं ये कोई बात हुई • हम भी मुंह फुला लिये चलो अब खाने पीने बोलने बतियाने हंसने हंसाने सब से सन्यास • ले ली समाधी अपने कमरे में चले गये मौन साधना में • दिन बीत गया ना बोले , शाम का पहर आखरी पड़ाव पर है कोई सुगबुगाहट ना की • भले ही चूहा सैनिक बल ने पेट में जंग का ऐलान कर दिया हो मगर अकड़ है भाई ऐसे कैसे टूट जाये • उधर बाबा इधर से उधर कर रहे हैं बोल कुछ नही रहे कैसे पुछें माँ से की उसने खाना खाया के नही • माँ अन्दर ही अन्दर हंस रही है दोनो गुटों की इस खामोश जंग पर • छोटे भाई बहन भूख से उमड़ रहे गुस्से की खुराक बन रहे हैं • ज़रा सा कुछ बोले नही के दे रेपटा रोते हुये भागे कमरे से • आखिर बाबा के आगे खाने की थाली पड़ी • बोले " भूख नही है " माँ का तुरंत जवाबी हमला " जानती हूं नही होगी " • बाबा का पहले तो घूरना फिर पूछना " खाना खाया उसने "
" नही खाया "
" सुबह से नही खाया "
" हां सुबह से नही खाया • वैसे आपने भी कौन सा खाया है "
" अरे तो जाओ ना दो ना भूख लगी होगी "
" जानती थी आप यही कहेंगे पहले ही लगा दी है थाली • आप खाओ मै उसे खिला कर आती हूं "
और माँ खाना खिला देती है मना कर • हम बेपरवाह इस बात से की भेजा तो बाबा ने ही है • हमे लगता है कैसे दुष्ट हैं खुद गपागप खाये जा रहे हमे पुछा भी नही •
माँ से चोरी से मिलने वाली हर मदद पापा से ही आती है चुपके से •
मै अपनी बात करूं तो हम बाप बेटे में कभी नही बनी जो मुझे पसन्द वो उन्हे पसन्द नही और जो उन्हे पसन्द वो मुझे पसन्द आने का तो सवाल ही नही • रोज़ किसी ना किसी बात पर छोटी सी बहस तो लाज़मी है • मगर दुनिया में कोई मुझे सबसे ज़्यादा चाहता है तो वो हैं बाबा • पटना चला आया तो माँ को फोन किया बता रही थीं की पापा कह रहे थे " रहता है तो बहसता रहता है मगर घर से जाते ही घर की रौनक ले जाता है " •
दूर आ कर समझ आता है पापा को टोकना हर बात में माँ के लाढ की तरह ही ज़रूरी है • उनकी बिगड़े स्वास्थ का सुन कर पैर हाथ सुन होने लगते हैं भले ही आज भी मिले तो महौल जंग वाला ही क्यों ना हो • हर रोज़ भगवान से प्रार्थना रहती है भगवान उन्हे लंबी और तंदरूस्त ज़िंदगी दें • उनका होना ही हमारी हिम्मत है • दुआ करता हूं दुनिया के हर बाप का हाथ अपने बेटे पर जायज़ उम्र तक बना रहे •
पापा आपसे बहुत प्यार है हमे...
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धीरज झा...
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