#प्रेम प्रेम कभी अधूरा नही होता | अधूरी होती हैं तो प्रेम कहानियां | प्रेम तो तब का पूरा हो चुका जब आपने पूरे मन से किसी को अपना मन अर्पण ...
#प्रेम
प्रेम कभी अधूरा नही होता | अधूरी होती हैं तो प्रेम कहानियां | प्रेम तो तब का पूरा हो चुका जब आपने पूरे मन से किसी को अपना मन अर्पण कर दिया | प्रेम को समझने के लिए आपको उच्च विद्या की ज़रूरत नही आपको ज़रूरत है उच्च विचारों और निर्मल मन की | उच्च विद्या प्राप्त करने वाला तो प्रेम में इतनी गराई तक उतरता ही नही | उसको तो समझ होती है प्रेम में होने वाले नुक्सान की | प्रेम तो नासमझों का काम है | जो जानते हैं आगे खाई है फिर भी आंखें मूंद कर दौड़ते हैं | गिरने पर चोट लगेगी या कोई अंग भी भंग हो सकता है ये सब सोचे बिना | प्रेम में जब दिमाग को शामिल कर सिया जाता है तब दिमाग आपको मजबूर कर देता है दिल की बात ना सुन कर अपनी बात सुनने पर और फिर वो प्रेम प्रेम ना रह कर एक खेल सा बन जाता है | दिमाग प्रेम की हंसती खेलती दुनिया मॉ आतंक मचा कर रख देता है | यो क्यों हुआ ? उसने ऐसा क्यों किया ? ये क्यों कहा ? कहीं वो मुझ से झूठ तो नही बोल रहा ? इस तरह के तमाम सवाल दिमाग की उपज हैं | दिल तो भोला है बस प्रेम करना जानता है | कोई करता है या नही करता इस से दिल को कोई मतलब नही वो बस प्रेम करना जानता है | तड़प है पीड़ा है मगर प्रेम सच्चा वही है जो दिल सो किया गया हो | फिर प्रेम अधूरा कभी नही रहता | ये मेरा नज़रिया है |
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धीरज झा..
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