मैं चलता रहा गिर कर, रेंग कर टूट कर बिखर कर जब मरा तब या जलाया गया या दफनाया गया मगर फिर भी मैं चलता रहा पानी संग बह कर या हवा में ...
मैं चलता रहा
गिर कर,
रेंग कर
टूट कर
बिखर कर
जब मरा
तब या जलाया गया
या दफनाया गया
मगर फिर भी
मैं चलता रहा
पानी संग बह कर
या हवा में मिट्टी संग उड़ कर
मैं चलता रहा
रूका नही
थका नही
क्योंकी मेरा
काम था चलना
चलते रहना
धीरज झा
गिर कर,
रेंग कर
टूट कर
बिखर कर
जब मरा
तब या जलाया गया
या दफनाया गया
मगर फिर भी
मैं चलता रहा
पानी संग बह कर
या हवा में मिट्टी संग उड़ कर
मैं चलता रहा
रूका नही
थका नही
क्योंकी मेरा
काम था चलना
चलते रहना
धीरज झा
COMMENTS