एक सच... -------------------------- 1. रमन का कमरा----- " जब कॉलेज में थे कितने खुश थे | हमारा पूरा ग्रुप कितनी मस्ती किया करता था | ...
एक सच...
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1. रमन का कमरा-----
" जब कॉलेज में थे कितने खुश थे | हमारा पूरा ग्रुप कितनी मस्ती किया करता था | मेरे वो तीनों दोस्त एक पल मुझ से दूर नही रह पाते थे | पर आज किसी के पास वक्त नही | सब अपनी अपनी ज़िंदगी में व्यस्त हो गये |" इतना सोच कर रमन लैपटॉप पर अपना कुछ ऑफिस वर्क करने लगा...
2. सिमरन का रसोई घर में...
" शादी के बाद तो बस काम काम बस काम | कॉलेज ही अच्छा था फुल मस्ती करते थे | पर कॉलेज के बाद किसी कमीने दोस्त नें फोन तक नही किया | मै भी क्यों करूं ? मै कोई फ्री तो नही बैठी !" तब तक सिमरन का पति आ गया वो चाय ले कर उसके पास गई बातों में व्यस्त हो गई |
3. अहमद का ऑफिस...
" क्या यार सारा दिन बॉस की सुनो , फिर घर की प्रॉब्लम्स | कॉलेज फ्रैंंड्स और वो दिन बहुत याद आते हैं | पर अब कौन याद करता है यार ! सब भूल गये | कितना प्यार था सब में ! " तभी अहमद के बॉस ने उसे बुला लिया
4. चेतन जिम में...
" काश वो बीते दिन लौट आते कितने प्यारे दिन थे ना वो | ना कोई फिक्र थी बस मस्ती थी | कैसे मेरे दोस्त मेरी हर परेशानी एक पल में दूर कर देते थे | पर अब कोई हाल भी नही पूछता सब बिज़ी हैं | " चेतन इतना सोच कर अपने जिम में व्यस्त हो गया |
हम मानें या ना मानें पर ये हमारी ही सच्चाई है | हम सब की सच्चाई है ये | हम अपने दोस्तों को गलत ठहरा देते हैं ये सोच कर की वो व्यस्त हैं याद नही करते | पर कभी ये नही सोचा वो व्यस्त हैं तो चलो हम ही बात कर लें या मिल आऐं | ये तो सच्चाई है के कॉलेज के बाद सबकी ज़िंदगी अपने अपने तरीके से व्यस्त हो ही जाती है | पर वक्त निकाल कर हम बढ़ती दूरियों को कम तो कर ही सकते हैं | कोई करे ना करे कम से कम हम तो याद कर लें | ये मेरा अपना नज़रिया है |
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धीरज झा...
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