हमारे गाँव के पास ही एक मठ है वहां एक साधू बाबा रहते हैं । उनका नाम शायद चटिया बाबा है क्योंकि वो चिट्टी सिलवा कर पहनते हैं और भरी गर्मी म...
हमारे गाँव के पास ही एक मठ है वहां एक साधू बाबा रहते हैं । उनका नाम शायद चटिया बाबा है क्योंकि वो चिट्टी सिलवा कर पहनते हैं और भरी गर्मी में भी कम्बल ओढ़े रहते हैं । उनके मठ पर हमेशा बहुत से लोग बैठे रहते हैं । कहते हैं वो हर मुराद पूरी कर देते हैं आपको देखते ही आपका आगा पीछा सब बता देते हैं यही नहीं वो बिना आपकी बात सुने ये तक बता देते हैं कि आप उनसे पूछने क्या आये हैं और उसका समाधान क्या होगा । लेकिन उनके साथ दिक्कत ये है कि वो गलियां बहुत देते हैं । आप प्रणाम बाबा कहेंगे वो आपको गली देंगे, आप हल चल पूछेंगे वो आपको और गलियां देंगे आप बोलते जायेंगे वो गरियाते रहेंगे । और जब आप थक कर वहां से जाने लगेंगे तो वो कहेंगे “भूख लगा होगा तुमको, जाओ झोंपड़िया में कुछ होगा खाने को खा लो” और उसके बाद आपको आपकी समस्या का समाधान भी बतायेंगे । उनकी गलियां खा कर जो उन्हें बुरा भला कह कर चला आता है उसे फल नहीं मिलता । वो पहले आपकी क्षमता को परखते हैं कि आप कितने सहनशील हैं ।
ये सब बताने का मेरा ये मतलब नहीं कि आप ये जनों कि हमारे गाँव के पास एक चमत्कारी बाबा हैं या ये समझो कि वो हर मुराद पूरी करते हैं । मेरा ये सब बताने का मकसद बस आपको इतना समझाना था कि अगर आप किसी इन्सान के एक वक्त के विचारों को उसका व्यक्तित्व मान लेते हैं तो शायद अभी आपमें इन्सान को परखने की क़ाबलियत नहीं आई । हर इंसान को अपने विचार कहने का अधिकार होता है । चाहे वो गलत हो मगर उसके हिसाब से तब वो सही होता है आपको लगता है अगल वो गलत कह रहा है तो उसका विरोध करिए जैम कर करिए मगर उसके लिए इतनी नफरत भी ना रखें कि आपको उसका मरना भी जश्न लगने लगे ।
धर्म हमें सिखाता है अगर आपके सामने आपके दुश्मन की मृत्यु हो रही हो तो उसे भी सम्मान सहित विदा करिए । उसके प्रति हर द्वेष को भुला कर उसके आत्मा की शांति की प्रार्थना करिए । ओम पूरी साहब ने अपनी पूरी ज़िन्दगी सिनेमा को समर्पित कर दी और ज़्यादातर ऐसी फ़िल्में कीं जो समाज में फैली गन्दगी पर करारा प्रहार थीं । मानता हूँ कुछ समय पहले उनकी सेना पर की गई टिप्पणी निराशाजनक थी मगर वो ये सब यहीं छोड़ गए आज । हम भी उनका कहा उनकी चिता के साथ जला कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें और एक सच्चे इंसान होने का फ़र्ज़ निभाएं ।
इश्वर उनकी आत्मा को शांति दें... ॐ
धीरज झा
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