तो सुनों सुना है आज दिन है वादे करने का साथ जीने मरने के इरादे करने का चलो तो हम भी खालें दो चार कसमें निभा लें हम भी कुछ पुरानी रसमे...
तो सुनों
सुना है आज दिन है
वादे करने का
साथ जीने मरने के
इरादे करने का
चलो तो हम भी
खालें दो चार कसमें
निभा लें हम भी
कुछ पुरानी रसमें
पहला वादा करूँगा मैं
तुम्हारी तरह
पूरी औरतज़ात से वफ़ा निभाने का
हो लिबास छोटा या बड़ा
किसी की इज़्जत समझ कर
उसके सामने सर झुकाने का
दूसरा वादा करूँगा मैं
कि खुद में से तुमको
घटने ना दूँ कभी
जो नज़र मेरी पहली पड़ी थी तुम पर
वो नज़र तुम से हटने ना दूँ कभी
तीसरा वादा मेरा है ये
कि मोहब्बत रहेगी हमेशा
तुम्हारी सीरत से
ना कभी फर्क पड़ेगा मुझे
तुम्हारी ढलती सूरत से
रहूँगा साथ तुम्हारे
हर उस मुक़ाम पर याद रखना
जब छोड़ जाएगा साथ तुम्हारा साया भी
बनूंगा ओस प्यार की ऐसी
जो तुम्हारे दिल की नमी को बनाए रखेगी
खिलूंगा तुम्हारे दिल के आंगन में ऐसे
जैसे पूरा चाँद हर रात जगमगाता है
ये सारे वादे चुनावी नहीं हैं
याद रखना
निभाऊँगा इन्हें हर हालत में
बस ज़िंदा रहूँ दिल में
यही फरियाद रखना
धीरज झा
सुना है आज दिन है
वादे करने का
साथ जीने मरने के
इरादे करने का
चलो तो हम भी
खालें दो चार कसमें
निभा लें हम भी
कुछ पुरानी रसमें
पहला वादा करूँगा मैं
तुम्हारी तरह
पूरी औरतज़ात से वफ़ा निभाने का
हो लिबास छोटा या बड़ा
किसी की इज़्जत समझ कर
उसके सामने सर झुकाने का
दूसरा वादा करूँगा मैं
कि खुद में से तुमको
घटने ना दूँ कभी
जो नज़र मेरी पहली पड़ी थी तुम पर
वो नज़र तुम से हटने ना दूँ कभी
तीसरा वादा मेरा है ये
कि मोहब्बत रहेगी हमेशा
तुम्हारी सीरत से
ना कभी फर्क पड़ेगा मुझे
तुम्हारी ढलती सूरत से
रहूँगा साथ तुम्हारे
हर उस मुक़ाम पर याद रखना
जब छोड़ जाएगा साथ तुम्हारा साया भी
बनूंगा ओस प्यार की ऐसी
जो तुम्हारे दिल की नमी को बनाए रखेगी
खिलूंगा तुम्हारे दिल के आंगन में ऐसे
जैसे पूरा चाँद हर रात जगमगाता है
ये सारे वादे चुनावी नहीं हैं
याद रखना
निभाऊँगा इन्हें हर हालत में
बस ज़िंदा रहूँ दिल में
यही फरियाद रखना
धीरज झा
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