निडर है मेरा प्रेम ये झांकता है परेशानियों की धुंध के बीच से उठाता है सर ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दबा हुआ होकर भी दबाती हैं रिवायतें ...
निडर है मेरा प्रेम
ये झांकता है
परेशानियों की धुंध के बीच से
उठाता है सर
ज़िम्मेदारियों के
बोझ तले दबा हुआ होकर भी
दबाती हैं रिवायतें
मुंह इसका
मगर चिल्लाता है
मेरा प्रेम
बहरों के कानों तक
आवाज़ अपनी पहुंचाने के लिए
पेट की भूख के लिए
काम के जंजाल में फंसा हुआ
होकर भी
करता है एक पल में तीन बार याद
अपने उस मुक़दर को
जिसके लिए खेली है
बाज़ी जान की
इज़्जत की, सम्मान की
गन्ने की तरह पिसता है
मगर फिर भी
मिठास का साथ नहीं छोड़ता
ज़िद्दी है बेफिक्र है
पागल है
मगर सच्चा है
इसी लिए निडर है
मगर तुम्हारा सच्चा भी है
फिर भी डरता है
क्योंकि तुम लड़की हो
मैं लड़का हूँ
मुझे आज़ादी है
अपने मन का करने की
पर तुम्हे नहीं
इसी लिए मैं निडर हूँ
पर तुम नहीं
धीरज झा
ये झांकता है
परेशानियों की धुंध के बीच से
उठाता है सर
ज़िम्मेदारियों के
बोझ तले दबा हुआ होकर भी
दबाती हैं रिवायतें
मुंह इसका
मगर चिल्लाता है
मेरा प्रेम
बहरों के कानों तक
आवाज़ अपनी पहुंचाने के लिए
पेट की भूख के लिए
काम के जंजाल में फंसा हुआ
होकर भी
करता है एक पल में तीन बार याद
अपने उस मुक़दर को
जिसके लिए खेली है
बाज़ी जान की
इज़्जत की, सम्मान की
गन्ने की तरह पिसता है
मगर फिर भी
मिठास का साथ नहीं छोड़ता
ज़िद्दी है बेफिक्र है
पागल है
मगर सच्चा है
इसी लिए निडर है
मगर तुम्हारा सच्चा भी है
फिर भी डरता है
क्योंकि तुम लड़की हो
मैं लड़का हूँ
मुझे आज़ादी है
अपने मन का करने की
पर तुम्हे नहीं
इसी लिए मैं निडर हूँ
पर तुम नहीं
धीरज झा
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