ये मुस्कुराहटें दबी क्यों हैं, हवा में ये नमी क्यों है । जनादेश आया है साहब उठिए इसका सम्मान करिए । इस कुर्सी पर कोई भी बैठता आपको सम्मान कर...
ये मुस्कुराहटें दबी क्यों हैं, हवा में ये नमी क्यों है । जनादेश आया है साहब उठिए इसका सम्मान करिए । इस कुर्सी पर कोई भी बैठता आपको सम्मान करना ही पड़ता फिर योगी से ऐसी बेरूखी क्यों । और हाँ अगर आप ख़ौफ़ के साये में हैं तो इससे बाहर आइए । भाजपा का लक्ष्य मात्र यूपी तक सीमित नहीं था उसे अभी अगले कई दंगल लड़ने हैं और वह अपने इस दंगल के लिए कोई भी कमज़ोर खिलाड़ी नहीं उतारेगी जो एक ही दाव में विपक्ष द्वारा चित कर दिया जाए ।
योगी जी की सबसे बुरी या फिर अच्छी बात यह है कि उन्हें लाग लपेट करना नहीं आता जो है वो सामने से कह जाते हैं । यह आदत कईयों को बुरी तो कईयों को अच्छी लगती है । योगियों का स्वभाव ही बेरुखा सा होता है मगर दिल हमेशा नर्म ही रहता है ।
22 साल की उम्र में एक इंसान अपना घर बार त्याग देता है और बिना किसी अते पते के निकल पड़ता है संन्यासी जीवन जीने । सोच कर देखिए किन परिस्थितियों से गुज़रा होगा वह इंसान जिसके आगे पीछे कोई नहीं था एक दम अकेले हर कदम को उठाते हुए किस तरह दहला होगा उसका दिल । मगर वो कमज़ोर नहीं था बढ़ता रहा आगे और आगे और आगे और आज देखिए वो मुख्यमंत्री हैं भारत में राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले इस उत्तर प्रदेश के । आपको अभिमान होना चाहिए कि आपका मुखिया ऐसा है जो आपकी जड़ों से जुड़ा हुआ है ।
जहाँ तक बात मुस्लिम समुदाय की है उसके लिए मुझे विश्वास है कि यह समुदाय पिछली सरकारों से ज़्यादा इस सरकार और इस मुख्यमंत्री के साथ सुखी रहेगा । और वैसे भी किसी भी प्रदेश का मुख्यमंत्री नायक की तरह होना चाहिए जो रौबदार हो जिसमे स्वाभिमान हो । विश्वास रखिए आपका प्रदेश बहुत ही सुरक्षित हाथों में है ।
तो ये मायूसी छोड़िए क्योंकि आपकी मायूसी से किसी को रत्ती बराबर फर्क नही पड़ेगा । आप तो बस मुस्कुराइए और स्वागत कीजिए अपने नए मुख्यमंत्री जी का ।
बोलिए सियापति राम चन्द्र की जय
हर हर महादेव
धीरज झा
योगी जी की सबसे बुरी या फिर अच्छी बात यह है कि उन्हें लाग लपेट करना नहीं आता जो है वो सामने से कह जाते हैं । यह आदत कईयों को बुरी तो कईयों को अच्छी लगती है । योगियों का स्वभाव ही बेरुखा सा होता है मगर दिल हमेशा नर्म ही रहता है ।
22 साल की उम्र में एक इंसान अपना घर बार त्याग देता है और बिना किसी अते पते के निकल पड़ता है संन्यासी जीवन जीने । सोच कर देखिए किन परिस्थितियों से गुज़रा होगा वह इंसान जिसके आगे पीछे कोई नहीं था एक दम अकेले हर कदम को उठाते हुए किस तरह दहला होगा उसका दिल । मगर वो कमज़ोर नहीं था बढ़ता रहा आगे और आगे और आगे और आज देखिए वो मुख्यमंत्री हैं भारत में राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले इस उत्तर प्रदेश के । आपको अभिमान होना चाहिए कि आपका मुखिया ऐसा है जो आपकी जड़ों से जुड़ा हुआ है ।
जहाँ तक बात मुस्लिम समुदाय की है उसके लिए मुझे विश्वास है कि यह समुदाय पिछली सरकारों से ज़्यादा इस सरकार और इस मुख्यमंत्री के साथ सुखी रहेगा । और वैसे भी किसी भी प्रदेश का मुख्यमंत्री नायक की तरह होना चाहिए जो रौबदार हो जिसमे स्वाभिमान हो । विश्वास रखिए आपका प्रदेश बहुत ही सुरक्षित हाथों में है ।
तो ये मायूसी छोड़िए क्योंकि आपकी मायूसी से किसी को रत्ती बराबर फर्क नही पड़ेगा । आप तो बस मुस्कुराइए और स्वागत कीजिए अपने नए मुख्यमंत्री जी का ।
बोलिए सियापति राम चन्द्र की जय
हर हर महादेव
धीरज झा
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