"हाहाहाहाहा चल साले बकचोदों वाली बात मत कर, उस बहन के 'बीप' का तो काम ही इतना है । अब मिल जाए कहीं उसकी माँ 'बीप' ता हू...
"हाहाहाहाहा चल साले बकचोदों वाली बात मत कर, उस बहन के 'बीप' का तो काम ही इतना है । अब मिल जाए कहीं उसकी माँ 'बीप' ता हूँ । चल बे गां# फोन रख दवाई ले लूं, हाहाहाहाहाह हाँ दवा ही तो है । चल ठीक है शाम को मिलते हैं । इंज़ाम मस्त होना चाहिए नहीं तो सारा बिल तू ही भरेगा । मैं निकलने से पहले फोन करूंगा तू उसे बुला लेना और सुन पहले ही बता देना की हम दो होंगे, बाद में चिक चिक नसीं चाहिए। चल मैं तुझे करता हूं फोन ।" जनाब फोन काट कर कैमिस्ट के काऊंटर पर जा खड़े होते हैं तभी एक महिला वहाँ आती हैं और बिना हिचके हुए कहती हैं ।
"भईया एक कंडोम का पैकेट देना । स्टाॅबेरी फ्लेवर वाला ।" कंडोम कंडोम कंडोम महिला बिला किसी शर्म के कह रही है कंडोम देना वो भी फलाने फ्लेवर वाला । शर्मिंदगी में डूबा हुआ म्यूज़िक बैकराऊंड में जोरों से बजने लगता है ये युग जो अभी तक कलयुग था महिला द्वारा ये शब्द बोलते ही अचानक से महाघोर कलयुग में बदल जाता है । महिला अपना सामान ले कर चली जाती हैं और जनाब वहाँ मुंह बाए खड़े रहते हैं । पास ही कब्र में आधे पांव लटकाए एक अंकल जी का ज्ञान बंटता है
"भोंसड़ी की इन्ही जनानों ने समाज को गंदा कर दिया है अरे तुमको चु#*? का इतना ही शौख है तो अपने खसम को भेजो भला खुद से इतना बेशर्म क्यों होना ।"
"चचा इन जैसी औरतों ने ही गंद मचा कर रखा हुआ है । अब तो ये सोच कर साला डर लगता है कि ना जाने बहन%#€ आने वाला समय कैसा होगा ।" समाज की चिंता ज़ोरों पर थी । मगर इसी बीच जनाब को याद आया कि उन्हें निकलना है और उन्हें अब अपनी दवाई ले लेनी चाहिए । जनाब ने कैमिस्ट के कान में फुसफुसा कर कहा ।
"भाई मैनफोर्स की गोलियां दे दे या उस से कुछ सट्रांग हो तो वो दे दे और पाँच छः कंडोम के पैकेट दे दे और सुन वो फलेवर वाले देना ।" मतलब जनाब की शराफ़त देख कर आँखें पूरी तरह गीली हो जाती हैं कि कैसे वो समाज की मर्यादा बनाए हुए हैं । इन्हीं जैसों के दम पर तो कलयुग अभी तक महाघोर कलयुग बनने से रुका हुआ है । जनाब ने गाड़ी स्टार्ट करते हुए फोन निकाला और कान से लगा लिया ।
"हाँ मैने ले लिया सामान अब बस घर जा कर तेरी भाभी से कोई बहाना बना दूं फिर तेरी तरफ़ आता हूँ । तू उसे एक बार फोन कर के फिर बता देना कहीं ऐन मौके पर मुकर ही ना जाए साली । चल ठीक है आता हूँ मैं शाम तक ।" जनाब अब उस बहाने के बारे में सोचने लगे जो आज उन्हें समाज को स्वच्छ करने के अभियान के लिए बनाना था ।
धीरज झा
"भईया एक कंडोम का पैकेट देना । स्टाॅबेरी फ्लेवर वाला ।" कंडोम कंडोम कंडोम महिला बिला किसी शर्म के कह रही है कंडोम देना वो भी फलाने फ्लेवर वाला । शर्मिंदगी में डूबा हुआ म्यूज़िक बैकराऊंड में जोरों से बजने लगता है ये युग जो अभी तक कलयुग था महिला द्वारा ये शब्द बोलते ही अचानक से महाघोर कलयुग में बदल जाता है । महिला अपना सामान ले कर चली जाती हैं और जनाब वहाँ मुंह बाए खड़े रहते हैं । पास ही कब्र में आधे पांव लटकाए एक अंकल जी का ज्ञान बंटता है
"भोंसड़ी की इन्ही जनानों ने समाज को गंदा कर दिया है अरे तुमको चु#*? का इतना ही शौख है तो अपने खसम को भेजो भला खुद से इतना बेशर्म क्यों होना ।"
"चचा इन जैसी औरतों ने ही गंद मचा कर रखा हुआ है । अब तो ये सोच कर साला डर लगता है कि ना जाने बहन%#€ आने वाला समय कैसा होगा ।" समाज की चिंता ज़ोरों पर थी । मगर इसी बीच जनाब को याद आया कि उन्हें निकलना है और उन्हें अब अपनी दवाई ले लेनी चाहिए । जनाब ने कैमिस्ट के कान में फुसफुसा कर कहा ।
"भाई मैनफोर्स की गोलियां दे दे या उस से कुछ सट्रांग हो तो वो दे दे और पाँच छः कंडोम के पैकेट दे दे और सुन वो फलेवर वाले देना ।" मतलब जनाब की शराफ़त देख कर आँखें पूरी तरह गीली हो जाती हैं कि कैसे वो समाज की मर्यादा बनाए हुए हैं । इन्हीं जैसों के दम पर तो कलयुग अभी तक महाघोर कलयुग बनने से रुका हुआ है । जनाब ने गाड़ी स्टार्ट करते हुए फोन निकाला और कान से लगा लिया ।
"हाँ मैने ले लिया सामान अब बस घर जा कर तेरी भाभी से कोई बहाना बना दूं फिर तेरी तरफ़ आता हूँ । तू उसे एक बार फोन कर के फिर बता देना कहीं ऐन मौके पर मुकर ही ना जाए साली । चल ठीक है आता हूँ मैं शाम तक ।" जनाब अब उस बहाने के बारे में सोचने लगे जो आज उन्हें समाज को स्वच्छ करने के अभियान के लिए बनाना था ।
धीरज झा
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