"नैंसी झा" पुत्री श्री रविन्द्र नारायण झा निवासी "प्रखंड लौकही" ग्राम महादेवमठ, मधुबनी, बिहार । जी हाँ वही बिहार जहाँ ब...
"नैंसी झा" पुत्री श्री रविन्द्र नारायण झा निवासी "प्रखंड लौकही" ग्राम महादेवमठ, मधुबनी, बिहार । जी हाँ वही बिहार जहाँ बहार है ।
नैंसी की उम्र महज़ बारह साल थी, जी हाँ थी, थी मतलब अब नहीं है, भूतकाल हो गई । कोई बिमारी नहीं, कोई दुर्घटना नहीं, हत्या कर दी गई, अपहरण किया और फिर दुष्कर्म करने के बाद गला काटा और जला दिया गया बच्ची को । तस्वीर नहीं डाल सकता आप से देखा नहीं जाएगा ।

मगर आपको इस बच्ची के बारे में सोच कर दुःखी होने की ज़रूरत नहीं है । ज़रूरत भी क्या है दुःखी होने की लगती कौन है आपकी । ऊपर से ना दलित है, ना गाय है, ना और कोई समुदाय है इसीलिए इस मुद्दे में उतना दम नहीं और मुद्दे में दम नहीं है तो भला कोई भी पार्टी कोई भी सरकार या जनता इसकी तरफ क्यों ध्यान देगी । वैसे भी रोज़ का है बस जो दिख जाता है उस पर मन दुःखी हो जाता है ।
खैर आपको भले ही मतलब ना हो इस बच्ची से मगर आप एक काम तो कर ही सकते हैं, ज़रा उस बच्ची की पीड़ा महसूस करिए तो जिसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसका गला काट कर उसे जलाया गया, उस पिता की बेबसी बेचैनी और दुःख को अपने अंदर महसूस करिए थोड़ी देर जिसकी मासूम बच्ची ने ये सब सहा, उन हैवानों के आँखों की हैवानियत को महसूस करिए जो किसी की भी सगी नहीं हैं, कल यही हैवानियत आपके दरवाज़े तक पहुँच सकती है ।
नैंसी दिल्ली से नहीं है वरना हम सब मोमबत्ती तो जला ही सकते थे उसके लिए, कम से कम लोगों तक बात पहुंचती तो हर कोने से पुलिस पर अपराधियों को पकड़ कर सख्त से सख्त सज़ा देने की माँग तो ज़रूर उठती । मगर अफसोस नैंसी बिहार से है जिसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता ।
सरकारें कितने भी एंटी रोमियो दल बना ले मगर ऐसे दरिंदों से नहीं बच सकती । यह समाज का डर हैं और डर को डर से ही मारा जाता है । इस डर की आँखों जब तक डर नहीं पैदा होगा तब तक ये ऐसे वहशी अपनी वहशीयत से हर वक्त हमारे मन में डर बैठाए रहेंगे । जब तक इन्हें पकड़ कर बद से बद्दतर सज़ा नहीं दी जाती तब तक इनके मन में डर नहीं बनेगा ।
बिहार सरकार चुप्पी ना साधे । हम सरकारों की वजह से पहले ही बहुत शर्मिंदा होते आ रहे हैं हमें और शर्मिंदा ना करें । पुलिस हर हाल में अपराधियों को पकड़े और मन हो तो जेल ले जाने से पहले ही सज़ा ए मौत सुना कर सज़ा दे दे, बिहार पुलिस अगर ऐसा करती है तो हमें गर्व होगा इन पर ।
धीरज झा
नैंसी की उम्र महज़ बारह साल थी, जी हाँ थी, थी मतलब अब नहीं है, भूतकाल हो गई । कोई बिमारी नहीं, कोई दुर्घटना नहीं, हत्या कर दी गई, अपहरण किया और फिर दुष्कर्म करने के बाद गला काटा और जला दिया गया बच्ची को । तस्वीर नहीं डाल सकता आप से देखा नहीं जाएगा ।

मगर आपको इस बच्ची के बारे में सोच कर दुःखी होने की ज़रूरत नहीं है । ज़रूरत भी क्या है दुःखी होने की लगती कौन है आपकी । ऊपर से ना दलित है, ना गाय है, ना और कोई समुदाय है इसीलिए इस मुद्दे में उतना दम नहीं और मुद्दे में दम नहीं है तो भला कोई भी पार्टी कोई भी सरकार या जनता इसकी तरफ क्यों ध्यान देगी । वैसे भी रोज़ का है बस जो दिख जाता है उस पर मन दुःखी हो जाता है ।
खैर आपको भले ही मतलब ना हो इस बच्ची से मगर आप एक काम तो कर ही सकते हैं, ज़रा उस बच्ची की पीड़ा महसूस करिए तो जिसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसका गला काट कर उसे जलाया गया, उस पिता की बेबसी बेचैनी और दुःख को अपने अंदर महसूस करिए थोड़ी देर जिसकी मासूम बच्ची ने ये सब सहा, उन हैवानों के आँखों की हैवानियत को महसूस करिए जो किसी की भी सगी नहीं हैं, कल यही हैवानियत आपके दरवाज़े तक पहुँच सकती है ।
नैंसी दिल्ली से नहीं है वरना हम सब मोमबत्ती तो जला ही सकते थे उसके लिए, कम से कम लोगों तक बात पहुंचती तो हर कोने से पुलिस पर अपराधियों को पकड़ कर सख्त से सख्त सज़ा देने की माँग तो ज़रूर उठती । मगर अफसोस नैंसी बिहार से है जिसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता ।
सरकारें कितने भी एंटी रोमियो दल बना ले मगर ऐसे दरिंदों से नहीं बच सकती । यह समाज का डर हैं और डर को डर से ही मारा जाता है । इस डर की आँखों जब तक डर नहीं पैदा होगा तब तक ये ऐसे वहशी अपनी वहशीयत से हर वक्त हमारे मन में डर बैठाए रहेंगे । जब तक इन्हें पकड़ कर बद से बद्दतर सज़ा नहीं दी जाती तब तक इनके मन में डर नहीं बनेगा ।
बिहार सरकार चुप्पी ना साधे । हम सरकारों की वजह से पहले ही बहुत शर्मिंदा होते आ रहे हैं हमें और शर्मिंदा ना करें । पुलिस हर हाल में अपराधियों को पकड़े और मन हो तो जेल ले जाने से पहले ही सज़ा ए मौत सुना कर सज़ा दे दे, बिहार पुलिस अगर ऐसा करती है तो हमें गर्व होगा इन पर ।
धीरज झा
COMMENTS