#युद्ध_तो_आखिर_युद्ध_ही_है फलाने ने कहा "नहीं यार ये मैच सही नही है । मुझे तो अपने जवानों की कटी लाशें दिखती हैं, रोती माएं विधवा औरत...
#युद्ध_तो_आखिर_युद्ध_ही_है
फलाने ने कहा "नहीं यार ये मैच सही नही है । मुझे तो अपने जवानों की कटी लाशें दिखती हैं, रोती माएं विधवा औरतें और मासूम बच्चे दिखते हैं । इस साले पाकिस्तानियों से क्रिकेट मैच खेलना उन सभी शहीदों का अपमान होगा ।"
ढमकाने ने जवाब दिया "भाई खून तो मेरा भी खौलता है मगर एक बात बताओ, हमारे जवान शहीद हुए क्या इसके लिए हम उनसे युद्ध लड़ना छोड़ देंगे ? वो युद्ध में हमें ललकारें तो हम यह कह दें कि तुम हमारे फौजियों के हत्यारे हो हमें युद्ध नहीं लड़ना ?"
फलाने "मतलब युद्ध और क्रिकेट में कोई अंतर ही नहीं ?"
ढकाने "क्यों नहीं ! बहुत बड़ा अंतर है मगर भारत पाकिस्तान के बीच खेला खया कबड्डी कुश्ती हाॅकी क्रिकेट यहाँ तक की लूडो गिल्ली डंडा जैसे खेल में भी युद्ध वाला रंग है । याद है "तेरी भैन दी" कहते हुए सिद्धू सर का बैट ले कर आमिर सोहेल की तरफ मारने दौड़ना, गौतम गंभीर की अकमल से वो तीखी बहस, भज्जी और शोऐब की नोक झोंक, इन सभी मौको पर लगा जैसे क्रिकेट का मैदान कम जंग का मैदान ज़्यादा है । जानता है भाई भारत पाकिस्तान मैच के वक्त सबसे ज़्यादा रोमांच सरहद पर फौजी कैंपों में ही पाया जाता है । फौजी को तो दुश्मन की हार से मतलब है भले ही मैदान कोई भी हो । उनके खिलाफ लड़ने से मना करना मतलब हार स्वीकार कर लेना और मुझे नहीं लगता कि दुश्मन से हार मान लेना शहीद जवानों को भी पसंद होगा । बाकि सबकी अपनी सोच है ।" फलाना बिना कोई प्रतिक्रिया दिए उठ खड़ा हुआ और बाहर जाने लगा ।
ढमकाना "कहाँ जा रहा है भाई । मत देखना मैच मगर बैठ तो जा । हम कोई मूवी देख लेते हैं ।"
फलाना "अबे मैच ही देखा जाएगा मगर दुश्मन को हारते देखते वक्त रोमांच के मारे भूख प्यास भी तो लगेगी ना इसलिए मैं कोल्ड्रिंकस और कुछ खाने को ले आता हूँ ।" इसके साथ ही फलाना और ढमकाना मुस्कुरा दिए ।
हम तो गाँव में हैं दुश्मन को हारते बस सुन सकते हैं आप सब देखो और भारत की इस युद्ध में जीत हो ये कामना करो ।
जय हिंद
जय भारत
धीरज झा
फलाने ने कहा "नहीं यार ये मैच सही नही है । मुझे तो अपने जवानों की कटी लाशें दिखती हैं, रोती माएं विधवा औरतें और मासूम बच्चे दिखते हैं । इस साले पाकिस्तानियों से क्रिकेट मैच खेलना उन सभी शहीदों का अपमान होगा ।"
ढमकाने ने जवाब दिया "भाई खून तो मेरा भी खौलता है मगर एक बात बताओ, हमारे जवान शहीद हुए क्या इसके लिए हम उनसे युद्ध लड़ना छोड़ देंगे ? वो युद्ध में हमें ललकारें तो हम यह कह दें कि तुम हमारे फौजियों के हत्यारे हो हमें युद्ध नहीं लड़ना ?"
फलाने "मतलब युद्ध और क्रिकेट में कोई अंतर ही नहीं ?"
ढकाने "क्यों नहीं ! बहुत बड़ा अंतर है मगर भारत पाकिस्तान के बीच खेला खया कबड्डी कुश्ती हाॅकी क्रिकेट यहाँ तक की लूडो गिल्ली डंडा जैसे खेल में भी युद्ध वाला रंग है । याद है "तेरी भैन दी" कहते हुए सिद्धू सर का बैट ले कर आमिर सोहेल की तरफ मारने दौड़ना, गौतम गंभीर की अकमल से वो तीखी बहस, भज्जी और शोऐब की नोक झोंक, इन सभी मौको पर लगा जैसे क्रिकेट का मैदान कम जंग का मैदान ज़्यादा है । जानता है भाई भारत पाकिस्तान मैच के वक्त सबसे ज़्यादा रोमांच सरहद पर फौजी कैंपों में ही पाया जाता है । फौजी को तो दुश्मन की हार से मतलब है भले ही मैदान कोई भी हो । उनके खिलाफ लड़ने से मना करना मतलब हार स्वीकार कर लेना और मुझे नहीं लगता कि दुश्मन से हार मान लेना शहीद जवानों को भी पसंद होगा । बाकि सबकी अपनी सोच है ।" फलाना बिना कोई प्रतिक्रिया दिए उठ खड़ा हुआ और बाहर जाने लगा ।
ढमकाना "कहाँ जा रहा है भाई । मत देखना मैच मगर बैठ तो जा । हम कोई मूवी देख लेते हैं ।"
फलाना "अबे मैच ही देखा जाएगा मगर दुश्मन को हारते देखते वक्त रोमांच के मारे भूख प्यास भी तो लगेगी ना इसलिए मैं कोल्ड्रिंकस और कुछ खाने को ले आता हूँ ।" इसके साथ ही फलाना और ढमकाना मुस्कुरा दिए ।
हम तो गाँव में हैं दुश्मन को हारते बस सुन सकते हैं आप सब देखो और भारत की इस युद्ध में जीत हो ये कामना करो ।
जय हिंद
जय भारत
धीरज झा
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