जो हुआ उसे नियती मान कर मन कड़ा कर भी लिया जाए तब भी ईश्वर परिक्षा लेने की आदत नहीं छोड़ते । जैसे मन में धार लिया हो कि तब तक बहाने से रुलाते ...
जो हुआ उसे नियती मान कर मन कड़ा कर भी लिया जाए तब भी ईश्वर परिक्षा लेने की आदत नहीं छोड़ते । जैसे मन में धार लिया हो कि तब तक बहाने से रुलाते रहना है जब तक इन्हें रोने से घृणा ना हो जाए । हम अड़ियल हैं, बेतहाशा रोते ही नहीं जो रोने से घृणा हो । बस मन सिसकता है आँखें मुस्कुराती ही रहती हैं । वो हर बार जानबूझ कर ऐसे मोड़ पर ला खड़ा करते हैं जहाँ से हंसने का मन नहीं करता और एक दूसरे की सूरतें रोने आँसुओं के सामने 'प्लीज़ स्टाॅप' का बोर्ड ले कर खड़ी रहती हैं ।
आज जितिया है और आज ही पापा का पिंड भी पड़ा । हम सब तो जैसे तैसे संभाल लेते हैं ।अपने अपने मन में रो लेते हैं मगर माँ का सोच कर मन बड़ा विचलित होता है । उसे कैसा लग रहा होगा ? किस उलझन में फंसी होगी वो । आज बेटों की लंबी उम्र की कामना में जितिया करते हुए खुश हुई होगी या उन्हें याद कर के मन ही मन टूट कर रोयी होगी जिनके हंसने से माँ की हंसी थी, जिनकी परेशानी से बड़ा कोई दुःख ना था माँ के लिए, खाना परोस कर जिनका मुंह निहारते बुए समझ जाती थी कि आज खाना उनके मन लायक है या नहीं ।
हम आगे बढ़ते रहेंगे, उसका ख़याल रखेंगे हमेशा मगर वो जो सबसे महत्वपूर्ण थे, जो पीछे छूट गये इस सफर में उनकी कमी, उनके इस तरह पड़ाव आने से पहले ही छोड़ जाने के दुःख को कैसे कम करें हम । मगर हमारी 'माँ' ने कभी हारना नहीं सीखा वो बस लड़ती रही हैं । जैसे आज लड़ी हैं ।
एक सिंदूर सौ श्रृंगार के बराबर होता है, माँग से वो लाल रेखा मिटते ही जीवन उस बेरंग फट्टी की तरह हो जाता है जिस पर फिर कोई रंग चहकने की हिम्मत नहीं करता । मगर माँ चहकाती हैं, उनकी ममता का रंग हमेशा चमकता है ।

माँ, उन दिनों जब सजने के बाद तुम्हें एक टक देखता रहता था और तुम शर्मा के बड़ी सी मुस्कुराहट बिखेर देती थीं अपने चारो तरफ तब भी मैं तुमसे उतना ही प्रेम करते थे और अब जब तुम आँखों में एक उदासी लिए बस मुस्कुरा देती हो तब भी तुम्हें उतना ही प्रेम करते हैं हम और ये हमेशा बढ़ता ही रहेगा, बस तुम साथ रहना ।
पापा की फिक्र मत करो तुम वो खुश हैं मुस्कुराते हुए एक दम । आज ही जब पंडित जी पिंड स्थापित करते हुए उनका स्मरण करने को बोले तो आँख बंद करते हुए उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा ही सामने आया एकदम से । इसीलिए तुम उनकी चिंता मत करो । तुम बस साथ रहो मुस्कुराने के बहाने तुम्हें हम देंगे । बाक़ी ईश्वर से प्रार्थन है कि तुम हमारे लिए ये व्रत हेमशा करती रहो । इसलिए नहीं क्योंकि हमें लंबी आयु कि लालसा है बल्कि सिर्फ इसलिए क्योंकि इसी बहाने तुम हमारे साथ हमेशा रहेंगी ।

तुम हमें दुनिया में सबसे प्यारी हो माँ, सबसे मतलब सबसे 😘
धीरज झा
आज जितिया है और आज ही पापा का पिंड भी पड़ा । हम सब तो जैसे तैसे संभाल लेते हैं ।अपने अपने मन में रो लेते हैं मगर माँ का सोच कर मन बड़ा विचलित होता है । उसे कैसा लग रहा होगा ? किस उलझन में फंसी होगी वो । आज बेटों की लंबी उम्र की कामना में जितिया करते हुए खुश हुई होगी या उन्हें याद कर के मन ही मन टूट कर रोयी होगी जिनके हंसने से माँ की हंसी थी, जिनकी परेशानी से बड़ा कोई दुःख ना था माँ के लिए, खाना परोस कर जिनका मुंह निहारते बुए समझ जाती थी कि आज खाना उनके मन लायक है या नहीं ।
हम आगे बढ़ते रहेंगे, उसका ख़याल रखेंगे हमेशा मगर वो जो सबसे महत्वपूर्ण थे, जो पीछे छूट गये इस सफर में उनकी कमी, उनके इस तरह पड़ाव आने से पहले ही छोड़ जाने के दुःख को कैसे कम करें हम । मगर हमारी 'माँ' ने कभी हारना नहीं सीखा वो बस लड़ती रही हैं । जैसे आज लड़ी हैं ।
एक सिंदूर सौ श्रृंगार के बराबर होता है, माँग से वो लाल रेखा मिटते ही जीवन उस बेरंग फट्टी की तरह हो जाता है जिस पर फिर कोई रंग चहकने की हिम्मत नहीं करता । मगर माँ चहकाती हैं, उनकी ममता का रंग हमेशा चमकता है ।

माँ, उन दिनों जब सजने के बाद तुम्हें एक टक देखता रहता था और तुम शर्मा के बड़ी सी मुस्कुराहट बिखेर देती थीं अपने चारो तरफ तब भी मैं तुमसे उतना ही प्रेम करते थे और अब जब तुम आँखों में एक उदासी लिए बस मुस्कुरा देती हो तब भी तुम्हें उतना ही प्रेम करते हैं हम और ये हमेशा बढ़ता ही रहेगा, बस तुम साथ रहना ।
पापा की फिक्र मत करो तुम वो खुश हैं मुस्कुराते हुए एक दम । आज ही जब पंडित जी पिंड स्थापित करते हुए उनका स्मरण करने को बोले तो आँख बंद करते हुए उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा ही सामने आया एकदम से । इसीलिए तुम उनकी चिंता मत करो । तुम बस साथ रहो मुस्कुराने के बहाने तुम्हें हम देंगे । बाक़ी ईश्वर से प्रार्थन है कि तुम हमारे लिए ये व्रत हेमशा करती रहो । इसलिए नहीं क्योंकि हमें लंबी आयु कि लालसा है बल्कि सिर्फ इसलिए क्योंकि इसी बहाने तुम हमारे साथ हमेशा रहेंगी ।

तुम हमें दुनिया में सबसे प्यारी हो माँ, सबसे मतलब सबसे 😘
धीरज झा
COMMENTS