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बात मार्च 2019 की है, UFC 235 में UFC वेल्टरवेट टाइटल के लिए पांच राउंड का मुकाबला चल रहा था । UFC के जाने माने फाइटर Tyron Woodley का मुकाबला 'द नाईजीरियन नाइटमेयर' कहे जाने वाले Kamaru Usman से था । उस्मान के लात घूसों के आगे वुडली एकदम पस्त हो गया ।
पांच राउंड तक किसी तरह खुद को समेटे हुए वुडली लड़ता रहा लेकिन अंतिम राउंड में उसे आखिरकार उस्मान के आगे घुटने टेकने ही पड़े । उस्मान टाइटल जीत गया ।
ये कहानी कोई ज़्यादा खास नहीं है क्योंकि खेल में हार जीत तो सदियों से चली आ रही है । एक हारता है तभी दूसरा जीतता है । असल और एक खूबसूरत कहानी रिंग के बाहर बैकस्टेज में लिखी गए ।
जीत के गर्व में फूले उस्मान जश्न मनाती भीड़ के साथ बाहर की तरफ जा रही थे तभी एक महिला ने उस्मान को आवाज़ दी । उस्मान इस आवाज़ को सुनते ही पल्टे और उस महिला की तरफ बढ़कर उसे गले से लगा लिया । उस्मान की मां की उम्र की इस महिला ने उन्हें बड़े प्यार से गले लगाते हुए उनकी पीठ थपथपाई और सहलाई । इसके साथ ही उन्होंने उस्मान के कान में ये शब्द कहने शुरू किए :-
"सब ठीक है, सब ठीक है बच्चे, सब ठीक है, सब ठीक है, सब ठीक है हनी. तुम्हें दिल से दुआएं. सब ठीक है । ये तुम्हारा समय है, ये उसका समय नहीं था । ये तुम्हारी बारी थी, हौसला रखो, मजबूत बनो, तुम मुझे सुन रहे हो ना? और तुम मेहनत करते रहना क्योंकि वो तुम्हारे लिए फिर से आएंगे और तुम्हें फिर से लड़ना होगा । सब ठीक है मेरे बच्चे ।"
वो महिला उस्मान की पीठ सहलाते हुए लगातार उक्त बातें बोलती रही । इधर एक विजेता हार गया था । जी हां, टाइटल जीत कर आए उस्मान अपना दिल इस महिला की ममता के आगे हार गए । उनकी आंखों से लगातार बह रहे आंसुओं ने ये बयान कर दिया कि वह इस महिला के इस स्नेह के ऋणी हो चुके हैं ।
जानते हैं वो महिला कौन थी ? वो महिला उसी वुडली की मां थी जिसे अभी अभी उस्मान रिंग में धराशायी कर के आ रहे थे । दुनिया ने बहुत सी जीत और हार देखी है मगर शायद ये पहला मौका था जब हारे हुए खिलाड़ी की मां जीते हुए खिलाड़ी को इस तरह से हौसला दे रही थी ।
जीतने वाला हमेशा हारने वाले की खराब स्थिति का जिम्मेदार खुद को मानता है । वो भले जीत का जश्न मनाए मगर कहीं ना कहीं उसके मन में सामने वाले की बुरी स्थिति का कारण बन जाने का बोझ बना रहता है । वुडली की मां इस बात को समझ गयी थीं और उन्होंने उस्मान के इसी बोझ को कम करने की कोशिश की ।
प्यार यही सिखाता है, बोझ कम करना । एक गलत काम कर के लौटे बच्चे को डांटने की बजाए अगर गले लगा कर समझाया जाए कि "ये गलती तुमसे अनजाने में हुई है । हम जानते हैं तुम इस गलती को फिर नहीं दोहराओगे ।" तो संभव है कि बच्चा फिर से वो गलती नहीं करेगा ।
मैं नहीं जानता कि वुडली की मां ने ये सब जो किया वो दिखावा था या फिर सच में वो ऐसा करना चाहती थीं लेकिन मैं इतना जानता हूं कि हर खेल के बाद अगर कोई वुडली की मां की तरह अपने प्रतिद्वंद्वी को गले लगा ले तो हार जीत का डर ही खत्म हो जाए ।
मानिए ना मानिए मगर हार जीत के इस डर ने ही दुनिया को नर्क बना रखा है । मैदान से लेकर समाज तक में जीतने की होड़ लगी हुई है । सबको अपना सर ऊंचा रखना है भले इसके लिए किसी की खुशियां ही दांव पर क्यों ना लग जाए । ये हार जीत का डर दुनिया के लिए धीमा ज़हर है । जो इसकी जड़ों को धीरे धीरे खोखला बना रहा है ।
लेकिन अगर आप दुनिया को खूबसूरत बनाना चाहते हैं तो प्रेम करना और प्रेम को समझना सीखिए । अच्छा लगेगा 😊
धीरज झा
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